तन्हा हूं मैं
*तन्हा* *हूं* *मै*
जब रात को तेरे बारे में सोचता हूं
तब लगता है तन्हा हूं मै।
जानता हूं तेरा संदेश नहीं आएगा
फिर भी मोबाइल की घंटी सुनकर मोबाइल चेक करता हूं
तब लगता है तन्हा हूं मै।
किसी फिल्म के रोमांटिक सीन पर तुझे याद करता हूं
तब लगता है तन्हा हूं मै।
आज भी जब दोस्त तेरे नाम की सौगंध देते है
तब लगता है तन्हा हूं मै।
तू नहीं आएगी लौट कर मेरे पास
फिर भी दिल को तसल्ली देता हूं
तब लगता है तन्हा हूं मै।
आज भी तेरी फोटो को देखते रहता हूं
तब लगता है तन्हा हूं मै।
तुझे भूलने की कोशिश करता हूं लेकिन भूल नहीं पाता
तब लगता है तन्हा हूं मै।
तेरे साथ बिताए पल को महसूस करके मुस्कुराता हूं
तब लगता है तन्हा हूं मै।
तेरे नाम वाले को जब कोई पुकारता है तो चौंक कर देखता हूं
तब लगता है तन्हा हूं मैं।
आज भी तेरा लास्ट सीन चेक करता हूं ,
तब लगता है तन्हा हूं मै।
तेरा हंसना मुस्कुराना और फिर तेरी आंखो में मेरा डूब जाना, याद करता हूं,
तब लगता है तन्हा हूं मै।
उमाकांत शर्मा
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